यस बैंक की विफलता वित्तीय कुप्रबंधन का परिणाम - चिदंबरम

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को यस बैंक संकट पर मोदी सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि यस बैंक की विफलता वित्तीय संस्थानों के कुप्रबंधन का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भारत के पांचवें सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंक की स्थिति भाजपा सरकार के तहत वित्तीय संस्थानों के कुप्रबंधन के कारण चरमराई है। पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें पता है कि सरकार और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस कहानी को मीडिया से गायब करना चाहेंगी। कांग्रेस नेता ने कहा कि उनके बेहतरीन प्रयासों के बावजूद भाजपा की ओर से वित्तीय संस्थानों का कुप्रबंधन एक ऐसा मुद्दा होगा, जो सार्वजनिक तौर पर सभी के सामने रहेगा और इस पर बड़े पैमाने पर बहस होगी।
उन्होंने यस बैंक के मुद्दे को उठाने के लिए मीडिया को धन्यवाद दिया, क्योंकि अब यह ज्यादातर लोगों तक पहुंच गया है, जो अर्थव्यवस्था के बारे में चिंतित हैं।


चिदंबरम ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यस बैंक के एक शेयर की कीमत 36.80 रुपये से गिरकर 16.15 रुपये हो गई है। उनकी टिप्पणी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा यस बैंक के बोर्ड को 30 दिनों के लिए हटाने के फैसले के दो दिनों बाद आई है।


आरबीआई ने बैंक के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया है और साथ ही बैंक के खाताधारकों को एक महीने में अधिकतर 50,000 रुपये तक निकालाने की मंजूरी दी है।