उद्धव ठाकरे राजनीति में नहीं आना चाहते थे। वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर रहे उद्धव ठाकरे 40 की उम्र तक राजनीतिक गलियारे से काफी दूर माने जाते थे। शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे को बचपन से कैमरे का शौक लग गया था। उन्हें फोटोग्राफी का हुनर अपने पिता बाल ठाकरे से विरासत में मिली थी।
हाथ में रूद्राक्ष की माला शेर की दहाड़ वाली तस्वीर और आवाज तानाशाह वाली। सब कुछ राजनीति नहीं थी। राजनीति को खारिज कर सरकारों को खारिज कर खुद को सरकार बनाने या मानने की ठसक थी। जिसके पीछे समाज की उन ताकतों का इस्तेमाल था जिसे पूंजी हमेशा हासिए पर धकेल देती है। शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने अपने जीवन में तीन प्रतिज्ञाएं की थी। एक प्रतिज्ञा ये थी कि वो कभी अपनी आत्मकथा नहीं लिखेंगे। दूसरी प्रतिज्ञा ये थी कि वो कभी किसी तरह का चुनाव नहीं लड़ेंगे और तीसरी प्रतिज्ञा ये थी कि वो कभी कोई सरकारी पद नहीं हासिल करेंगे। सरकार से बाहर रहकर सरकार पर नियंत्रण रखना उनकी पहचान थी। 53 साल के इतिहास में पहली बार ठाकरे परिवार को कोई सदस्य मातोश्री से निकलर राज्य सचिवालय की छठी मंजिल तक का सफर तय करने जा रहा है।